अब पूछ ab puch hindi lyrics – emiway bantai

अब पूछ ab puch hindi lyrics – emiway bantai lyrics

Poster अब पूछ ab puch hindi lyrics – emiway bantai

अब पूछ ab puch hindi lyrics – emiway bantai

Details
Genre Emiway Bantai
Language Hindi
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Lyrics



पूछा सवाल मैंने ख़ुद से हाँ
कितने बार क्या सब सही कर रहा हूँ

जो होना है वो होकर रहेगा
तो फिर काहे को डर रहा हूँ

धीरे धीरे ज़िम्मेदारी आने लगी
तो मैंने देख की अब तो मैं ख़ुद से सुधर रा हूँ
दोस्ती यारी मजेमारी में चढ़ने लगा था
अब मैं उतर रहा हूँ

बदलना है सब कुछ
ये ठान लिया था हाँ मैंने सच मुच

जो भी कहते थे क्या तू कमाएगा
ये सब तू करके आजा बेटा अब पूछ

अब पूछ अब पूछ

हाँ अब पूछ मुझे मैं बोलूँ ये शुरुआत है
गाना रिकोर्ड हो रेला है और हो रेला रात है
सब साले सोचे ये कैसे लिख पा रहा है
इंतनी सारी बातें मुझे काफ़ी डाँटें घरवाले
उसके बिना हम ये कभी नहीं कर पाते
डिस गेम में मार डालते सब लोग को तड़पाके
स्टूडीओ में काफ़ी दिन काम किया मज़ा आरा घर आके

कर आँखें ऊपर आज घूम रहा कर में
पहले लेके स्कूटर आस पास बहुत शूटर
उड़ता कबूतर हाँ मज़े लिया मैंने बिना फ़ेम के भी
लगुरी से लेके साँप सीधी लुडो गेम के भी
पहन के भी घुमा हूँ मैं शक्तिमान के कपड़े
बचपन से अल्टर था पागल से लड़के पे भड़के
कुछ लोग क्यूँकि लड़का ये ख़ुद लड़के
बातें कर रा छड़ के ऊपर तो सब सदके रह गए

हम तो बास कह गए बाक़ी सब बह गए
लालच में पैसे के काग़ज़ में
मगज में लालच ना कभी मैं घूसने दिया
मेहनत किया मैंने जम के और
मुझे बेटा उसने दिया छप्पर फाड़ के

अब पूछ.. अब पूछ..

कोयी नी पूछे जब तक ऊँचे ना हो जाओ ज़िंदगी में
कुछ है तो सिर्फ़ दौलत है फ़ासले गंदगी में
ऐसे सोच वाले ख़ुद को पहले सही जगह पे पहुँचा ले
दिमाग़ इनका सौचालय ऐसा सोच सोचा नहीं कभी मैं
सबका भला सोचा हाँ आगे बढ़ा तभी मैं
अभी मैं वहाँ पे नी जहाँ पे था पहले
आयले सब यहाँ पे अकेले को जाएँगे अकेले

थकेले ना बनके जीना हाथ पैर है ख़ून पसीना
बहा के लड़ो तकलीफ़ों से जागा के देखो कितने लोग
तकलीफ़ों के भी वो सपनों के और दौड़े
किला रखे ठोकते हाँ तोड़े
इज़्ज़त नहीं कमाएगा तो नहीं देंगे ये

कायको फोड़े कायको तोड़े किसको काए को निचोड़े
ऐसा कोयी आएगा क्या जो इंसानों को जोड़े
मौक़ा छोड़े तब जाके दिमाग़ दौड़े
ऐसे कितने लोग हैं जो जाग कर भी सो रहे
उठ जाओ

अब पूछ.. अब पूछ..

इंसान के आँख में ख़ौफ़ देखा
सच देख के करता अनदेखा
सबने बैठ के फ़न देख अपनी भलाई पे
मन बहका है सबका
दुनिया खतम कबका हो चुका है
लोग नहीं सुन रहे रब का

सबको अपनी पड़ी है कान किसको दे रहा फटका
सिर्फ़ मज़े लेने में भटका
ज़िंदगी में है अटका
दिमाग़ में कचरा भरा है
लगाले झाड़ू कटका क्यूँ फोकट का
खाने की आदत है इंसानों पे लानत है
ग़लत होते देखने की इनकी आदत है
यहाँ सोच बहुत छोटी और लम्बे इमारत हैं
काले पैसे को गोरा करने को रखते दावत हैं

खुलके बात करो मन की बात
यहाँ बेटा सबको इजाज़त है खुलके बोल

अब पूछ.. अब पूछ..

पूछा सवाल मैंने ख़ुद से हाँ
कितने बार क्या सब सही कर रहा हूँ
जो होना है वो होकर रहेगा
तो फिर काहे को डर रहा हूँ

धीरे धीरे ज़िम्मेदारी आने लगी
तो मैंने देख की अब तो मैं ख़ुद से सुधर रा हूँ
दोस्ती यारी मजेमारी में चढ़ने लगा था
अब मैं उतर रहा हूँ बदलना है सब कुछ
ये ठान लिया था हाँ मैंने सच मुच

जो भी कहते थे क्या तू कमाएगा
ये सब तू करके आजा बेटा अब पूछ

अब पूछ.. अब पूछ..

इमिवे बंताई
मालूम है ना
हा हा.. पीस आउट

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