Genre | Lakshya |
Language | Hindi |
रोके तुझको आँधियाँ
या ज़मीन और आसमान
पायेगा जो लक्ष्य है तेरा
लक्ष्य तो हर हाल में पाना है
हो..
मुश्किल कोई आ जाए तो
पर्वत कोई टकराए तो
ताक़त कोई दिखलाए तो
तूफ़ान कोई मण्डराए तो
बरसे चाहे अम्बर से आग
लिपटे चाहे पैरों से नाग
पायेगा जो लक्ष्य है तेरा
लक्ष्य तो हर पाल में पाना है
हो..
हिम्मत से जो कोई चले
धरती हिले क़दमों तले
क्या दूरियाँ क्या फासलें
मंज़िल लगे आके गले
हिम्मत से जो कोई चले
धरती हिले क़दमों तले
तू चल यूँही अब सुबह-शाम
रुकना, झुकना नहीं तेरा काम
तू चल यूँही अब सुबह-शाम
रुकना, झुकना नहीं तेरा काम
पायेगा जो लक्ष्य है तेरा
लक्ष्य तो हर हाल में पाना है
हो..
हाँ यही रस्ता है तेरा
तूने अब जाना है
हाँ यही सपना है तेरा
तूने पहचाना है
तुझे अब ये दिखाना है