Genre | Old Songs Hindi Lyrics |
Language | Hindi |
बरबादियों का शौक माना फिजुल था,
बरबादियों का जसन मनाता चला गया
मैं जिंदगी का साथ निभाता..
जो मिल गया उसी को मुक़दर समझ लिया,
जो खो गया मैं उसको भुलाता चला गया
मैं जिंदगी का साथ निभाता..
गम और ख़ुशी में फरक ना महसुस हो जहाँ
मैं दिल हो उस मुक़ाम में लाता चला गया
मैं जिंदगी का साथ निभाता चला गया
हर फ़िक्र को धुवें में उडाता चला गया..