Genre | Gunjan Saxena |
Language | Hindi |
हो जिस पल से दखा है तुझको
मन ये पगल गया रे
पीछे पीछे देखो
तेरे हद्द से निकल गया रे
तू जहाँ वहाँ लेके जाए
ये राहें मोरी
की तुझ संग बांधी
की तुझ संग बांधी
की तुझ संग बांधी
ये मन की डोरी
की तुझ संग बांधी
ये मन की डोरी
की तुझ संग बांधी
ये मन की डोरी
रे रे रे
तुझ संग बांधी
ये मन की डोरी
हो दाँतों से काटे
हाथों से खिंचे
डोर ये तेरी मेरी
तोड़े ना टूटे
हो धूप के दिन हो या
सर्दी की राते
डोर ये तेरी मेरी
छोड़े ना छूटे
तू जहाँ वहाँ लेके जाए
ये राहें मोरी
की तुझ संग बांधी
की तुझ संग बांधी
की तुझ संग बांधी
ये मन की डोरी
की तुझ संग बांधी
ये मन की डोरी
की तुझ संग बांधी
ये मन की डोरी
रे रे रे..
तुझ संग बांधी
ये मन की डोरी
की तुझ संग बांधी
ये मन की डोरी
की तुझ संग बांधी
ये मन की डोरी
रे रे रे..
की तुझ संग बांधी
ये मन की डोरी
हे हे हे..