Genre | Hindi Lyrics |
Language | Hindi |
याद बहोत आते हैं मुझको
तू और अपना गाँव
कची पगडंडी के रस्ते
और नीम की छाँव
कची पगडंडी के रस्ते
और नीम की छाँव
याद बहोत आते हैं मुझको
तू और अपना गाँव
मेहंदी वाले हाथ
गाँव का वो तालाब
जहाँ हर रोज मिला करता था
बातें करते करते
तेरी चूड़ी भी गिनता था
तेरी भोली बातें सुनकर
अक्सर मैं हसता था
याद उन्हें अब भी करता हूँ
शहर में सुबह शाम
याद उन्हें अब भी करता हूँ
शहर में सुबह शाम
याद बहोत आते हैं मुझको
तू और अपना गाँव
मेहंदी वाले हाथ
ओ मेहंदी वाले हाथ
क्या तूने अब भी रखे हैं
प्रेम के वो सन्देश
पत्थर बांध के छत पर तेरी
देता था जो फैंक
याद मुझे कटा है क्या तू
अब भी उनको देख
क्या तेरे होठों को पता है
अब भी मेरा नाम
क्या तेरे होठों को पता है
अब भी मेरा नाम
याद बहोत आते हैं मुझको
तू और अपना गाँव
मेहंदी वाले हाथ वो तेरे
पायल वाले पांव
मेहंदी वाले हाथ वो तेरे
पायल वाले पांव
याद बहोत आते हैं मुझको
तू और अपना गाँव