Genre | Yaara |
Language | Hindi |
बुनते हुए
तारों के आशियाँ
हम बुनते गए
दिल का क्या था पता
दिल को संभाले भी हम
चलते गए
क्या है दिल
ओ क्यूँ है दिल
रुई में लपेटे रखा
था ये दिल
क्या है दिल
ओ क्यूँ है दिल
रुई में लपेटे रखा
थे ये दिल
बेपरवाह.. बेपरवाह..
बेफ़िक्रा.. बेपरवाह..
बटोरता रहा
उन टुकड़ो को जिनमें तू
तू था छुपा
फुसलाता रहा
बेहलता रहा उन लम्हों को जिसमें
तेरी है सदा
दाखिला है लिया
किफ़ायती सपनों में चलते हुए
मिल गया वो क़ाफ़िला
बरसो से जिसको मैं
ढूँढता रहा
मिल गया वो
वो रास्ता
मौसोमों ने लिखा है जिसका पता
बेपरवाह.. बेपरवाह..
बेफिक्रा.. बेपरवाह..